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लड़खड़ाकर चलना मेरी कोई कमजोरी नहीं, ये बैसाखियां

लड़खड़ाकर चलना मेरी कोई कमजोरी नहीं,
ये बैसाखियां नहीं, हिम्मत वाले कदम हैं मेरे।

माना राह थोड़ी अलग और सफर थोड़ा कठिन है
पर मंजिल हासिल होगी ,ख्वाब कौनसे कम हैं मेरे।

दया नहीं चाहता मैं तुम्हारी, बस थोड़ा साथ चाहिए,
हौसला बनो फिर देखो, इरादों में कितना दम हैं मेरे।

पिछड़ा ना समझो तुम मुझे दुनियां की दौड़ से दोस्तो,
बस बराबरी का दर्जा चाहता हूं, ज्यादा नहीं गम हैं मेरे।

-Keshav #handicapped #abilitynotdisability #Poetry #poem
लड़खड़ाकर चलना मेरी कोई कमजोरी नहीं,
ये बैसाखियां नहीं, हिम्मत वाले कदम हैं मेरे।

माना राह थोड़ी अलग और सफर थोड़ा कठिन है
पर मंजिल हासिल होगी ,ख्वाब कौनसे कम हैं मेरे।

दया नहीं चाहता मैं तुम्हारी, बस थोड़ा साथ चाहिए,
हौसला बनो फिर देखो, इरादों में कितना दम हैं मेरे।

पिछड़ा ना समझो तुम मुझे दुनियां की दौड़ से दोस्तो,
बस बराबरी का दर्जा चाहता हूं, ज्यादा नहीं गम हैं मेरे।

-Keshav #handicapped #abilitynotdisability #Poetry #poem
keshav4370665306361

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