न कुछ कहेंगे और न कुछ सुनाएंगे कहते न ऊपर वाला सब देखता है पर तेरी खुशियों को अपनी लब्जो से ज़रूर ज़िक्र करेंगे,,,,, रेत सी जिंदगी है जिसमें खुशियां मुश्किल से मिलता है वक़्त की अदालत हैं जिसमें हर इंसान को खड़ा होना पड़ता है माना कम होते हैं वजह मुस्कुराने की पर हंसने के लिए वक़्त की क्या ज़रूरत तकदीर लिख तो नहीं सकते लेकिन अपनी काबिलियत से बदल जरूर सकते है,,,, Dedicating a #testimonial to MD Shahid Raza Please read my captions 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 . . . .