Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्रेम के वश यूं चले आते हैं,        श्री गोविन्द म

प्रेम के वश यूं चले आते हैं,
       श्री गोविन्द मुरारी..
आकर फिर मन बस जाते हैं,
       मनमोहन, गिरधारी..
कोई भी उनकी प्रेम माया से,
       बच ना पाएं प्यारी..
अद्भुत रूप के दर्शन होते,
       मन रहते बनवारी..
सत्य वहीं हैं, शाश्वत मन का
       समझें जो नर नारी..
जीवन सफल, बस रहता उसी का
       जिस तन, मन में मुरारी..।

©दिव्यांशी त्रिगुणा "राधिका"
  #NojotoHindi #HareKrishna #मेरेश्याम #हेबांकेबिहारी #हेकृष्णमुरारी #हेमधुसूदन #श्याममनमोहन #श्रीकृष्णपथ #राधारमणजी #कवितासंगम