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तुमने, जरा भी ना सोचा, जिनकी, तुमने जान ली है, उन

तुमने, जरा भी ना सोचा,

जिनकी, तुमने जान ली है,
उनसे, कई जान जुड़ी है,
तुमने,सिर्फ उन जवानो को नही,
उनके, परिवारो को, जीते-जी मारा है,

वो तो,अपने देश की, रक्षा कर रहे थे,
और तुम, रखवाली के नाम पर,सिर्फ गद्दारी कर रहे थे,
अरे, तुमने तो उनको देखा भी नही था,
फिर क्यो उनकी मौत का, तुमने मंजर रचा था,

तब तो, उस दुल्हन के हाथों से, मेहंदी भी ना छूटी थी,
और उसी के सामने, उसके पति की, अर्थी उठी थी,
अब तक उस माँ के आंसू कोई ना रोक पाया,
की, उसका बेटा गया है, वो फिर ना लौट पाया,

वो माँ, उसे आखिरी बार, नहीं देख पाई,
की, उसके लाल का, शरीर ही नहीं था,
जिससे लिपटकर वह रो पाए, 

तुमने ने हर हिंदुस्तानी का खून खौलाया था,
हमे चाहिए बदला सबने यही चाहा था,
बेकसूर नही, सिर्फ कसूरवारों के लिए था,
सबक उन आतंकियो की रूह कपा देने बाला था,

©***KRITIज्ञा*** Satyaprem Upadhyay पुलवामा #hindi#nojoto#pulwama#
तुमने, जरा भी ना सोचा,

जिनकी, तुमने जान ली है,
उनसे, कई जान जुड़ी है,
तुमने,सिर्फ उन जवानो को नही,
उनके, परिवारो को, जीते-जी मारा है,

वो तो,अपने देश की, रक्षा कर रहे थे,
और तुम, रखवाली के नाम पर,सिर्फ गद्दारी कर रहे थे,
अरे, तुमने तो उनको देखा भी नही था,
फिर क्यो उनकी मौत का, तुमने मंजर रचा था,

तब तो, उस दुल्हन के हाथों से, मेहंदी भी ना छूटी थी,
और उसी के सामने, उसके पति की, अर्थी उठी थी,
अब तक उस माँ के आंसू कोई ना रोक पाया,
की, उसका बेटा गया है, वो फिर ना लौट पाया,

वो माँ, उसे आखिरी बार, नहीं देख पाई,
की, उसके लाल का, शरीर ही नहीं था,
जिससे लिपटकर वह रो पाए, 

तुमने ने हर हिंदुस्तानी का खून खौलाया था,
हमे चाहिए बदला सबने यही चाहा था,
बेकसूर नही, सिर्फ कसूरवारों के लिए था,
सबक उन आतंकियो की रूह कपा देने बाला था,

©***KRITIज्ञा*** Satyaprem Upadhyay पुलवामा #hindi#nojoto#pulwama#