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मेरे आंसुओं को अपने आंखों में छिपा रखा है, मेरे जज

मेरे आंसुओं को अपने आंखों में छिपा रखा है,
मेरे जज्बातों को होंठों में दबा रखा है,
मुझे फक्र है अपने पिता पर
कि मेरे ख्वाबों को अपने दुआओं में सजा रखा है।
✍️ विवेक वर्मा

©Vivek Verma
  #Happy_fathers_day