घड़ी की सुइयाँ आगे बढ़ती रही पर समय थम गया था कई दफ़ा कहता है, रो कर कुछ नही मिलता हैं । फिर उदास सा मेरा मन मुझी से खता करता है।।। ऐसे में बताओ मेरा सनम बेवफ़ा भी मुझी को कहता है, इश्क़ की खता है ग़ालिब बेगुन्हा ही सुली पे चढ़ता है।।। meri begunhai ki saja hai galib#dil#dhakan#Nojoto#love#shayari#poetry#poem#Kjl#follow#isq#dard#hiden#pain