यह आंखे ही तो थी जो मॉं तुम पढ़कर सबकुछ समझ जाती थी। मेरे बिन कुछ कहे ही तुम पुरी कहानी बता देती थी। शायद उस दिन भी तुम आंखों से ही कुछ कहना चाहती थी जब तुम सांसे आखरी ले रही थी। आज यह आंखे ही है जो मॉं तुम्हें ढुंढ रही है। इन्हीं आंखों में से आजकल तेरे ही नाम के आंसु बहते है। मॉं , इन आंखों को अब तेरी ही आंखों कि खोज है। आंखे.......... ©Manthan's_kalam #maa #mummy #nojohindi #nojolove #Nojoto हिंदी कविता