यमुना के तीर से , कदम्ब के बृक्ष से , बंशी की धुन ने राधा को पुकारा है ! ग्वालों के बीच में ढूढ़ती है राधारानी, बताओ मेरा कान्हा कहाँ से पुकारा है ! ग्वालिनो के संग श्याम करे रंगरेलियां, राधा का नाम बृज नारियों में प्यारा है ! यमुना के तीर पर , प्रतिदिन राशलीला, बृज नारियों के बीच अद्भुद नजारा है ! राधे और श्याम की लीला को देखकर, हर्षित मेरा मन , राधे - राधे पुकारा है ! ©Mastraj Gond राधा मुरलीवाले की लीला