अब क्या बताएं आपको , हम कैसे जी रहे हैं शब्दों में चीखते हैं , होठों को सी रहे हैं है प्रेम की जो सरिता , मरु भूमि बाग कर दे फिर क्यों हवस का पानी , सब लोग पी रहे हैं किसको सुनायें हाल-ए-दिल , कौन है मेरा सब देखेंगे तमाशा़ , देखते ही रहे हैं कुछ कमी सी है मयंक , उसके जाने से पर यही सब तो था , वो जब कभी रहे हैं ©Shayar mayank #mayanks302 follow as insta @mayanks302