जमीन खुद की होगी तो इमारत बनेगी। जिंदगी खुद की होगी तो जीवन बनेगा। पुंजी भरपुर होगी तो ही व्यापार बढेगा। प्यार होगा तो परिवार में खुशियां आएंगी। संस्कार होगा तो जीवन जीने की कला होगी। जीवन में बहुत कुछ करना होता है तब जाकर खुशीयों का भंडार भरता है।