ऐ मेरे गाँव में तुम्है याद करता हूँ वो बचपन, वो दोस्त वो घर, वो खेत फिर से पाने की फरियाद करता हूँ। वो स्कूल की यादें वो दोस्तों की बातें वो बारिश, ठंडी, गर्मी वो हर मौसम में याद करता हूँ। वो मेरा रोना माँ की गोदी में सोना वो घर का अंधेरा कोना जिस तरफ जाने से में आज भी डरता हूँ में तुम सबको बहुत याद करता हूँ। वो बारिश की मस्ती क्लास की मटरगस्ती वो खेल निराले वो आम, वो जमुन, वो बेर, वो ईमली हर स्वाद को में याद करता हूँ फिर से पाने की फरियाद करता हूँ ऐ मेरे गाँव में तुम्है याद करता हूँ। मम्मा-पापा, भईया-भाभी मेरे दोस्त, मेरे साथी में सबको याद करता हूँ मिलने की फरियाद करता हूँ। ऐ मेरे गाँव में तुम्है याद करता हूँ फिर से पाने की फरियाद करता हूँ।। #wavesofmind #pkpoetry #pradeepnagar #villagepoetry #village