उनके ख्वाबों के इंतजार में हम पूरी रात न सोए करवट बदल बदल कर थक गए मगर कोई ख्वाब ना आए।। उठे जब बिछौने से हम पानी पिया और सो गए सुबह खुली जब आंख हमारी ख्वाब ना आए मगर वो हमारे सामने आ गए।। बोले हम आना चाहते थे, मगर आ ना सके जिसे पाना चाहते थे, उसे पा ना सके कोशिश तो बहुत की थी मगर क्या करें हमारे उसूल हमारे सामने आ गए।। मैंने पूछा उनसे कि अब क्यों आए बोले कोरोना ने बंद करवा दी दुकाने घर शक्कर खत्म हो गई बस वही लेने आ गए।। _-Kalalsandeep (Udaipur) Kuch Likha h dosto jra pdh to lijie Pasand na Aaya to thik h pr Aaya to like bhi kr dijie