पहले खूब चलती थी बल खा के और लहरा के ऊंची इमारतों ने पंख कतर दिए ठंडी हवाओं के हवा,पानी धरती जंगल, लोग और न जाने क्या क्या सब मिलावटी हो गया, सिवाये सूरज की शुजाओ के इमारतें (buildings) बुलंद हुई - Here industrialization अब्र (clouds) मुड़ गए - Rain scarcity दरख़्त (trees) कट गए - Deforestation परिन्दे (birds) उड़ गए - Extinction of animals and birds पेड़ पौधे है गुम-शुदा, बचपन वाले बादल अब कहाँ बरसते है ? खो गए है कौवे! अब हम चिड़िया की चहक को भी तरसते है! -Amena Saiyed