निस्वार्थ गुरुधर्म ©पूर्वार्थ इतना भयानक अंधकार होते हुए भी जब पीत वस्त्रों में सुशोभित प्रेमानंद महाराज को देखता हूँ तो उम्मीद की एक रंगीन किरन मेरे मन में सर उठाती है। जब मैं देखता हूँ कि प्रेमानंद जी महाराज का सन्देश बिल्कुल स्पष्ट है और वे किसी भी प्रकार का वितण्डा किये बिना केवल और केवल नाम-जप और कर्म-सिद्धांत पर अटल हैं तो मेरा मन काँच के महल की तरह जगमग हो उठता है। अभी कुछ दिनों पहले जब एक व्यक्ति अपनी कमर का दर्द लेकर उनके पास पहुँचा तो उन्होंने उसे साफ़ कह दिया कि मेरे पास कमर-दर्द का इलाज नहीं। मैं तो ख़ुद किडनी फेल्योर का मरीज़ हूँ। तुम डॉक्टर के पास जाओ।