कांग्रेस संगठन के शीर्ष पर आधिकारिक रूप से कब्जा ना होकर भी गांधी परिवार पार्टी की कमान अपने ही हाथ में रखना चाहता है टिप्पणी में यह भी यथा अर्थ ही लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव मात्र एक औपचारिकता की तरह है मानो इस पटकथा पहले से ही लिखी जा चुकी है और अब उसे बस राजनीतिक रंगमंच पर प्रस्तुत भर किया जा रहा है औपचारिकता इसलिए भी कि अभी तक तो अध्यक्ष पद के लिए ना मकान तक नहीं भरे गए लेकिन चुनाव लड़ने के इच्छुक शशि थरूर को लेकर गांधी परिवार के वफादार ओं ने जिस प्रकार का हमला बोला है उसे स्पष्ट है कि प्रथम परिवार की प्राथमिकता क्या है क्या यह पूरी की पूरी प्रक्रिया पक्षपात और पूर्व गृह से प्रेरित नहीं लग रही है यार था क्या कारण था कि चुनाव लड़ने से पहले ही रूरकी विरोधी हल्ला बोल दिया गया इतना ही नहीं अपने इतिहास के सबसे खराब दौर से गुजर रही कांग्रे स्कोर जिस कार्य कलाप की आवश्यकता है क्या अशोक गहलोत वह जादू करने में सक्षम हो सकेंगे ©Ek villain #कांग्रेस पार्टी में नए अध्यक्ष की औपचारिकता कौन बनेगा #alone