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जब सच्चा प्रेम अधूरा रह जाता है, प्रेमी का हाथ बीच

जब सच्चा प्रेम अधूरा रह जाता है,
प्रेमी का हाथ बीच राह में छूट जाता है,
विरह में प्रेमिका ही नहीं रोती साहब,
प्रेमी भी तन्हा होकर टूट सा जाता है,
रो देती है, तड़प लेती है, पागलपन में 
सखियों को अपनी हाल ऐ दिल कह लेती है,
या लिख देती है हाल ऐ दिल कभी 
अकेला सा तब वो तन्हा प्रेमी बिना आँसू रोता है,
अपना दर्द अपने अंदर सहता है,
सिगरेट के कश की तरह सब चुपचाप पी लेता है,
और इसी सब में वो प्रेम नहीं मरता साहब,
जन्म लेते है लेखक-लेखिका फिर नए,
प्रेम तो सदियों को लम्हों के अंदर जी लेता है!!

©Asmita Singh
  #lonely #premi
asingh5445104082603

Asmita Singh

New Creator

#lonely #premi

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