बचपन से ही सुनते आए, एक दिन सब अच्छा होगा दुख सुख में बदल जाएगा दिल का जो सच्चा होगा ........... बड़ों को ईश्वर समान समझना सेवा में लगा तुम दिल देना वो कुछ भी कहे तुम्हें बस होंठ तुम अपने सिल लेना... पति को ही परमेश्वर समझना साथी वह सच्चा होगा बचपन से ही सुनते आए , एक दिन सब अच्छा . .......... दिल से सेवा करने पर भी जब ना कोई मोल पड़े अपना पक्ष रखने पर जब हर एक बंदा बोल पड़े टूटे दिल में आस जगाये जब देखे अपने साथी को वह भी उसमें गलतियां निकाले गलियां दे सहभागी को किस्मत की मारी वह पूछे सपना कब सच्चा होगा ? मेरा दिन वह कब आएगा ? जिस दिन सब अच्छा होगा ....................... ©Anita Mishra #Isolation