वो कहता है धर्म खतरे में है, मैं मान लेता हूं वो कहता है देश खतरे में है, मैं मान लेता हूँ वो कहता लड़ना होगा, मैं बंदूक तान देता हूँ वो कहता रहता है, मैं हर बात मान लेता हूँ वो क्यों नही कहता प्रेम में रंग जाने की बात वो नही कहता दुश्मन को गले लगाने की बात वो कहता है कि मैं ही हूं बस मैं, मैं मान लेता हू वो करता है जो भी गलत , मैं बस साथ देता हूँ वो बेचता है देश तरक्की के नाम,मैं मौन रहता हूँ वो खरीद लेता है ईमान मेरा, मैं बेच देता हूँ वो क्यों नही करता सर्वांगीण विकास की बात वो बस दोहराता हर बार, अपने मन की बात #खरी