मुश्किलें ही देना जिसकी नीति है , तू शराब नहीं ,शराब तुझे पीती है। सुख है मेहमान कुछ दिन का, गम है साथी , इस बोतल से ना मिट पाएगा । गम है मिटाना तो खुशियां देख दीवाने, इसके सहारे तू ना जी पाएगा । तू सोचता है गलत की शराब गम पीती है , तू शराब नहीं ,शराब तुझे पीती है। कितने ही आशियाने उजड़े हैं इससे , कितने ही अपने - प्यारे बिछड़े हैं इससे । इससे ही है जिंदा गुरुर -ए -तबाही , कितने ही बेजुबानों के दुखड़े हैं इससे। दुनिया जहान के मर्ज़ इंसान को दे देती है, तू शराब नहीं, शराब तुझे पीती है। इससे अगर एक दिन तू मर जाएगा , बच्चों को अनाथ ,बीवी को विधवा कर जाएगा । दुनिया जहां में फिर वह कैसे जिएंगे ? बाप का साया जो सर से उठ जाएगा । शराब तू पीता है और यह तेरे अपनों की हंसी छीन लेती है , तू शराब नहीं ,शराब तुझे पीती है। 📝ओजस्वी शर्मा alcohol#poem#ojaswi sharma#nojoto #reading