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उसके हाथ मेरे हाथों पर थे और..... मेरे ज़ज्बात हाव

उसके हाथ मेरे हाथों पर थे और.....
मेरे ज़ज्बात हावी मेरी बातों पर थे
कहना कुछ और चाह रहा था कह कुछ और दिया,
लेकिन उसने मेरे हर एक अल्फाज़ पर गौर किया,
हमारी प्रेम की गाड़ी ने एक नया रास्ता बना लिया था,
बिना सात फेरों के ही हमने एक दूसरे को अपना लिया था,
छन से टूटा मेरा सपना काबू न मेरे हालातों पर थे,
उसके हाथ मेरे हाथों पर थे और.....!!!!

©Rahul Panwar
  कैसी लगी???
rahulpanwar7771

Rahul Panwar

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कैसी लगी??? #शायरी

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