के र,,, जिसका हाथ उस कृष्ण मुरारी ने हो पकड़या, उनकी तो हर बिगड़ी बण जावा है बात। र,,, उस नर्शी भगत की थी लाज बचाई, भरके ने उस हरनंदी का भात। (जय श्री कृष्ण मुरारी, जय श्री श्याम 🚩) ©om_shiv_gorakhnath जय श्री कृष्ण मुरारी