माँ की फटी एड़ियाँ माँ की फटी एड़ियाँ मैंने देखी है । पाँव में बंधी बेड़ियाँ मैंने देखी है ।। पंजे पर कैसे चढ़ती वो सीढ़ी को रोती खून की सीढियाँ मैने देखी है ।। फ़टी एड़ियाँ भरी तो गंगा के घाटे ऐसी बीती दो पीढ़ियाँ मैंने देखी है ।। माँ की फटी एड़ियाँ