शीर्षक : प्रेम की अवधारणा हर तपस्या से बड़ी है,प्रेम की इक भावना इनसे है ये जिंदगानी,जीने की संभावना संकटों को झेलने की, दे अथक सांत्वना इनसे संभव शुभ विचारों, की हुई उद्भवना इनसे जीतोगे जहां,और न पड़ेगा हारना ऐसी ही है शुद्ध निश्चल, प्रेम की अवधारणा ऐसी ही है शुद्ध निश्चल, प्रेम की अवधारणा ©Verma Priya #Poetry #poem #story #Shayari #Love #me #maa #thought #प्रेम की अवधारणा