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सोचा कि खुदा से मांगू तुझे,पर फिर याद आया तेरी कुछ

सोचा कि खुदा से मांगू तुझे,पर फिर याद आया तेरी कुछ मजबूरियां है ।
फिर सोचा इतने  में ही खुश रहूं,जो ये अभी नजदीकियां है ।
नहीं मिटेंगे वो ज़ख़्म, जिनकी वजह ये दूरियां है ।
सोचा था sayad तुम समझोगी मुझे,पर अब नहीं  सुनाएंगे तुम्हे जो  मेरे प्यार की  कहानियां है। इल्म नहीं है तुम्हें...
सोचा कि खुदा से मांगू तुझे,पर फिर याद आया तेरी कुछ मजबूरियां है ।
फिर सोचा इतने  में ही खुश रहूं,जो ये अभी नजदीकियां है ।
नहीं मिटेंगे वो ज़ख़्म, जिनकी वजह ये दूरियां है ।
सोचा था sayad तुम समझोगी मुझे,पर अब नहीं  सुनाएंगे तुम्हे जो  मेरे प्यार की  कहानियां है। इल्म नहीं है तुम्हें...