मन के दोनों छोरो पर परस्पर प्रतिकर्षण चलता है, एक राम तो, एक रावण, एक अहंकारी, एक सौम्य, एक राजा, एक बनवासी एक के पास सब कुछ, पर एक पास कुछ नही, इसी तरह आपके मन के भी दो छोर है। आप किधर खड़े होकर,जीवन गुजार रहे है, ये विषय ही आपके हार जीत का निर्णय करेगा ©Gautam Bisht #राम रावण