कर्म, धर्म और ज्ञान के मार्ग में चलते चलते-चलते, पैरों में छाले, हाथों में कांटे, और रास्ते में ठोकरें, मुझको यह बताती रही, रास्ता तो उचित है, पर हिम्मत, उम्मीद, और आशा दूर जाती दिख रही है। तेरे दरबार आया हूं मौला। कुछ मिन्नतें, कुछ ख्वाहिशें लेके, की, टूटने ना देना मेरी हिम्मत, जगाए रखना मेरी उम्मीद, और बनाए रखना मेरी ये आशाएं। ©Siddhartha Gupta Rsd #Rashta #inspirationalquotes #Karmhidharm #sidrsd