मैं एहसासों से खेलूँ, हिदायत नहीं हैं तोड़ने की हमारे यहां रिवायत नहीं है भला कैसे हो जाए अब नाराज़ तुमसे हमें मोहब्बत नहीं है शिकायत नहीं है किसी करीबी ने बुना था जाल वरना वज़ीरों से मरना मेरी फितरत नहीं है नब्ज़ ना टटोलो यारों,अलविदा कहदो मुझमें अब बाकी कोई हरकत नहीं है खैर छोड़ो ये मसला अब जाने भी दो "राहिल" को रुकने की आदत नहीं है ©आकाश "राहिल" रिवायत #Morningvibes