मेरे क़रीब हो काश ये सुकून होता पागलपन की हद"रस पर जुनून होता चम-चम चमकती माथे की बिन्दियाँ कमब्ख़त इश्क़ का ऐसा सुरूर होता ये सावन की रिमझिम बरसती बूँदें भीग जाये हम तुम क्या फितूर होता मुझे फुर्सत कहाँ मिलती गज़ले लिखूँ आपके इश्क़ में ये दिल मगरूर होता जब हम गुजरते किसी गली मोहल्ले से Queen "सरेआम चर्चा जरूर होता !!! ♥️ Challenge-666 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।