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बिछड़ के तुझसे मैं जि़न्दा हूं बात कम तो नहीं तिर

बिछड़ के तुझसे मैं जि़न्दा हूं बात कम तो नहीं 
तिरा मिला है जो ख़्वाबों में साथ कम तो नहीं !

न जाने क्यूँ ये सहर शामें  हैं  उदास बहुत !
तुझे भी मेरे न होने का आज ग़म तो नहीं !

वो बेख़बर औऱ बेनियाज़ तुझसे क्यूँ है"अलीम"
ये उसके होने का एहसास भी वहम तो नहीं ! #aliem #juhi  #khwabon_ka_sath
#bichhadna
बिछड़ के तुझसे मैं जि़न्दा हूं बात कम तो नहीं 
तिरा मिला है जो ख़्वाबों में साथ कम तो नहीं !

न जाने क्यूँ ये सहर शामें  हैं  उदास बहुत !
तुझे भी मेरे न होने का आज ग़म तो नहीं !

वो बेख़बर औऱ बेनियाज़ तुझसे क्यूँ है"अलीम"
ये उसके होने का एहसास भी वहम तो नहीं ! #aliem #juhi  #khwabon_ka_sath
#bichhadna