यह जो संबंध हैं बस प्रीति के अनुबंध हैं मन्नतों के धागे हैं जो तेरी हिफ़ाज़त के लिए हमने मन्दिरों में बाँधे हैं छूटे न साथ कभी यह स्वप्न हमने दिल में संजोये हैं, यह प्रेम हमारा अमर रहे प्रार्थना में भी बस हमने यही माँगे है। #शाम और तन्हाई