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धूल भरे रास्तों पर चलकर अश्क रह जाते हैं मंज़िल की

धूल भरे रास्तों पर चलकर
अश्क रह जाते हैं
मंज़िल की तलाश में 
राही यूं ही निकल जाते हैं
आगे वो बढ़ तो जाते हैं
पीछे बहुत कुछ छोड़ जाते हैं #Dhool
धूल भरे रास्तों पर चलकर
अश्क रह जाते हैं
मंज़िल की तलाश में 
राही यूं ही निकल जाते हैं
आगे वो बढ़ तो जाते हैं
पीछे बहुत कुछ छोड़ जाते हैं #Dhool