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मरहम बन के ज़िन्दगी में मेरे तुम शामिल हुए। दिल के

मरहम बन के ज़िन्दगी में मेरे तुम शामिल हुए।
दिल के हर ज़ख्म को तुमने मोहब्बत से भर दिए।

दिल का ज़ख्म मेरे अपने सीने से लगा समझा तूने।
मरहम बन कर स्नेह के स्पर्श से दूर किया तूने।

मरहम बन कर मेरे ज़ख्म के लिए राहत बन गए।
मेरे ज़िन्दगी के लिए जैसे अब तुम आदत बन गए।

मरहम लगना हो तो दिल के ज़ख्म पर अपने प्यार का लगाना।
दवा बन कर औरों की तरह मेरे दिल को तुम ज़ख्म ना देना।

अपना ही बन कर अक्सर दिल को ज़ख्म देते हैं।
चोट पहुंँचा कर दिल को फिर माफ़ी मांँग लेते हैं। ♥️ Challenge-896 #collabwithकोराकाग़ज़

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♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
मरहम बन के ज़िन्दगी में मेरे तुम शामिल हुए।
दिल के हर ज़ख्म को तुमने मोहब्बत से भर दिए।

दिल का ज़ख्म मेरे अपने सीने से लगा समझा तूने।
मरहम बन कर स्नेह के स्पर्श से दूर किया तूने।

मरहम बन कर मेरे ज़ख्म के लिए राहत बन गए।
मेरे ज़िन्दगी के लिए जैसे अब तुम आदत बन गए।

मरहम लगना हो तो दिल के ज़ख्म पर अपने प्यार का लगाना।
दवा बन कर औरों की तरह मेरे दिल को तुम ज़ख्म ना देना।

अपना ही बन कर अक्सर दिल को ज़ख्म देते हैं।
चोट पहुंँचा कर दिल को फिर माफ़ी मांँग लेते हैं। ♥️ Challenge-896 #collabwithकोराकाग़ज़

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