फ़िज़ा मे हवा इतराती रही बादल गरज बारिश आती रही वो बरामदे पे ज़ुल्फ़ें सँवारती हुई और ये धूप उसपे नूर बरसाती रही इनायत करते है वो नज़रें मिलाकर आंखों से छूने की तमन्ना होती रही वो मुस्कुरा के उम्मीद दे गए नींद का पता नही रात आती जाती रही इंतेहाँ मोहब्बत की भारी पड़ी वो ठुकराते रहे मगर जंग जारी रही ©Aparna Mishra #फ़िज़ा मे हवा इतराती रही बादल गरज बारिश आती रही #Love #ishq #Hindi #Nojoto #OneSeason