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रिश्तों को खुदा का नवाजा *जौहर कहता हूँ, मैं अपने

रिश्तों को खुदा का नवाजा *जौहर कहता हूँ,

मैं अपने घर को,  खुदा का घर कहता हूँ,

यूँ जाता नहीं अकसर, पर मन्दिर में जाकर भी पत्थर को पत्थर कहता हूँ,

मोहब्बत इबादत होती है,करके यार को सजदा,   अल्लाह हू अकबर कहता हूँ...
*जौहर - रत्न( रतन) #Nojoto, #Shayari, #Shayar_Sharif, #Rishte, #Khuda, #Mohabbat, #Mandir, #Allah, #Mai_Apne_Ghar_Ko....
रिश्तों को खुदा का नवाजा *जौहर कहता हूँ,

मैं अपने घर को,  खुदा का घर कहता हूँ,

यूँ जाता नहीं अकसर, पर मन्दिर में जाकर भी पत्थर को पत्थर कहता हूँ,

मोहब्बत इबादत होती है,करके यार को सजदा,   अल्लाह हू अकबर कहता हूँ...
*जौहर - रत्न( रतन) #Nojoto, #Shayari, #Shayar_Sharif, #Rishte, #Khuda, #Mohabbat, #Mandir, #Allah, #Mai_Apne_Ghar_Ko....