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वो सो रही होगी या फिर अभी नही सोई होगी, मुझे नही प

वो सो रही होगी या फिर अभी नही सोई होगी,
मुझे नही पता।
मैं अब भी नही सोया या फिर मेरी आँखें खुली नींद सोई
मुझे नही पता
शायद आज भी उसकी याद में ये आंखे मेरे मरने के बाद भी खुली है।
मुझे नही पता। 

       By अमित कुमार गौड़ वो सो रही होगी या फिर अभी नही सोई होगी,
मुझे नही पता।
मैं अब भी नही सोया या फिर मेरी आँखें खुली नींद सोई
मुझे नही पता
शायद आज भी उसकी याद में ये आंखे मेरे मरने के बाद भी खुली है।
मुझे नही पता। 

       By अमित कुमार गौड़
वो सो रही होगी या फिर अभी नही सोई होगी,
मुझे नही पता।
मैं अब भी नही सोया या फिर मेरी आँखें खुली नींद सोई
मुझे नही पता
शायद आज भी उसकी याद में ये आंखे मेरे मरने के बाद भी खुली है।
मुझे नही पता। 

       By अमित कुमार गौड़ वो सो रही होगी या फिर अभी नही सोई होगी,
मुझे नही पता।
मैं अब भी नही सोया या फिर मेरी आँखें खुली नींद सोई
मुझे नही पता
शायद आज भी उसकी याद में ये आंखे मेरे मरने के बाद भी खुली है।
मुझे नही पता। 

       By अमित कुमार गौड़