ए ज़िन्दगी तू मुझसे यूं ना नज़रे चुराया कर। मेरी खतां क्या है, मुझे बताया कर। मुझे पता है राहें हैं मुश्किल, पर तू मेरा हौसला बढ़ाया कर। मैं जो कहीं ठहर जाऊं, तू थाम मेरा हाथ रहनुमा की तरह और दे मुझे एक नई रौशन सुबह। ए ज़िन्दगी तू मुझसे यूं ना नज़रें चुराया कर। Avr* ए ज़िन्दगी... Avr*