ये दर-ओ-दीवार घर नहीं, ज़िन्दाँ हैं, ईंटों से नहीं, बुज़ुर्गों से घर बनता है। ज़िन्दाँ- prison #yqbaba #dimri #ghar #बुज़ुर्ग #buzurg