ख़बरें मौत की सुनना आम हो गया लगता है जीवन सबका ही जाम हो गया होते रहते थे सर्दी खांसी जीवन में कई दफा अब तो मौत का कारण ही जुकाम हो गया जिनके साथ बड़े हुए,पल पल साथ खड़े हुए देखते ही देखते जीवन वह गुमनाम हो गया बैठे है घर में, लेटे लेटे से अकेले में देखना सुनना टी वी,बुरा काम हो गया विज्ञान सपने देखता रहा,मंगल चांद पे जाने के मुरझाया फूल धरती का, प्रदूषण बेलगाम हो गया आशाओं पर है जिंदा,करें क्यों किसी की निन्दा अनुनय जीवन अपना तो,हौसलों के नाम हो गया ©VINAY PANWAR 🇮🇳INDIAN ARMY💕💕