हम चादर तान कर सोते हैं राहत की साँसे लेते हैं, देश दिवाली मनाता है सरहद वाले होली खेलते हैं। हर रोएँ के रखवाले वो आराम कहाँ फ़रमाते हैं, मौसम की मार सह सहकर झंडे की लाज बचाते हैं। मीठे सपनों में खोए हम क्या जानेंगे मरना मिटना, ये मतवाले वतन पर मरते माटी से इश्क़ लड़ाते हैं। ये चाँद तारों की छैय्या ये सुकून भरी प्यारी सी रातें, वो गोली सीने पर खा खा के हमारे हिस्से लाते हैं। क्या मालूम के फ़िर लौटकर भी घर को आना होगा, बलिदानी तन मन कर बलिदान इतराते मुस्कुराते हैं। ऋणी रहेंगे उनके ही जबतक इस देह में प्राण रहे, सम्मान उन्हें उर की गहराई से जो देश का गौरव कहलाते हैं।— % & 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_429 👉 चादर तान कर सोना मुहावरे का अर्थ - बेफ़िक़्र होकर सोना ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)