सफ़र ज़िन्दगी का♥️ -प्रियतम पिताजी आज भी हमेशा की तरह 4 बजे ही उठ चुके हैं और आंगन में टहल रहे हैं, चंद्रमा की चांदनी भी अपने पूरे तेज पर है, चारों ओर का वातावरण बिल्कुल शांत है और सौम्य भी ! माँ भी अब चाय बनाने जाने वाली है..! माँ चाय बना कर ला चुकी है और पिताजी के लिए गिलास में रख रही है..! वैसे पिताजी और माँ को कभी यह याद नहीं रहा कि उनके बच्चों का जन्मदिन कब आता है, पिताजी के अनुसार तो रोज ही जन्मदिवस होता है और माँ के अनुसार हर पल जन्मदिवस होता है..! लेकिन वक्त बदल चुका है टेक्नोलॉजी का जमाना है सबको लगभग पता रहता है बच्चे दो दिन पहले ही बता देते हैं कि कल भैया का जन्म दिवस है, पिताजी को चाय रखते हुए माँ कहती है कि आज तो प्रियतम का जन्मदिन है पिताजी कहते हैं अच्छा..! माँ तुरंत ही 22 साल पहले चली जाती है और पिताजी से कहती हैं उस रात जब हम अस्पताल गए थे तो डॉक्टर ने मना कर दिया था कि यहां पर आप को संभालना संभव नहीं है अतः आप को किसी दूसरे अस्पताल में जाना होगा ..!