कर मुझे विदा, के मेरा जाना अब ज़रूरी हुआ, फ़िदा बहुत हुई तुझपे, के अब भुलाना ज़रूरी हुआ। भुला देंगे तुम्हें इस तरह से हम भी, जैसे आसमां बारिशों को भुला देता है। #hindipoetry #quoteoftheday #nazarbiswas