हल्दी और धनिया हल्दी की हरियाली गई तब रंग आया धनिया धूप लगे तभी चटक स्वाद आया डिग्री तमाम उन फाईलों में सहेज आया जब-जब भूख लगी तो घर ही याद आया मां का लाड़ पिता का प्यार साथ आया उम्मीदों से भरे सपने फिर करार आया