#OpenPoetry “ ये सियासी हालत ज़माने के संभलने नहीं देतें, हम साथ में चलतें हैं तो चलने नहीं देतें, और..... नफ़रत की हवाओं को ज़माने से मिटा दो, जो उल्फत के चिरागों को जलने नहीं देतें ” #Gāzālī #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì