सूरज पर बादलों की कोई ओट रहनी चाहिए, हर कदम पर तजुर्बों की चोट रहनी चाहिए। अय्यारी ने उसको पूरा ही बरहना कर दिया, तहज़ीब की खातिर बदन पे लंगोट रहनी चाहिए। इख्लाकी ने उस शख़्स को मुर्दा बना दिया। ज़िंदा रहने को ज़माने में दिल में खोट रहनी चाहिए। शाह-ए-मसनद को क्या अवाम के दर्द-ओ-ग़म से, फक़िरी कायम रहें उनकी,सो हर वोट रहनी चाहिए। झूठे अश्क यहां उसके,लोगों के दर्द को ठुकराते हैं, चुनावी साल में दिल में इसकी कचोट रहनी चाहिए। ©Roshan Jain #pandemic #India #Politics #indianpolitician #india🇮🇳 #lockdown2021