एक दिन जिंदगी ऐसे मुकाम पर पहुँच जाएँगी। दोस्ती तो सिर्फ़ यादों में ही रह जाएँगी। हर बात दोस्तों की याद दिलायेंगी। और हँसते हँसते फिर आँख नम हो जाएँगी। ऑफिस के रूम में क्लासरूम नज़र आएँगी। पैसे तो बहोत होंगा। लेकिन खर्चा करने के लम्हें काम हो जायेंगें। जी लेंगे खुल के इस पल को मेरे दोस्त। क्यूँ के जिंदगी इस पल को फिर से नहीँ दोहराएँगी।