शांत पड़े समुंद्र से जरा जाके पूछो कितने तूफानों को उसने झेला होगा कितनी लहरों को समेटा है खुद में कितने बवंडरो ने उससे खेला होगा अंदाजा नहीं लगा सकते तुम यूं किसी के चुप रहने का जाने क्या क्या सहा होता है उसने वो अंदर से कितना बैचेन होगा अंदर ही अंदर घूट रहा होगा उसका मन कितना अस्थिर होगा जितना सन्नाटा होगा चारो और उसके उतना ही भीतर से चीख रहा होगा जो बहुत खुश दिखता है वो इंसान अंदर से टूट कर रोता होगा ©Savita Nimesh #inside#फीलिंग #seaside