गुजरते वक़्त के साथ ना जाने क्यों फिर तुमसे मिलने की तड़प बढ़ती जा रही है, जानती हूं अच्छे से कि अब हमारे दरमियां प्यार नहीं रहा।। #शब्दअंताक्षरी वक़्त तड़प प्यार #366dayschallengesp day 127