Nojoto: Largest Storytelling Platform

घूंघट में चाँद एक रोज वो पास आकर बोले , मैं वो हसी

घूंघट में चाँद एक रोज वो पास आकर बोले ,
मैं वो हसीन चेहरा देख आया ,
आज मैं आसमाँ का गुरुर तोड़ आया ,
बड़ी खूबसूरत है उसकी आँखे ,
देखते ही दिल मै अपना वही छोड़ आया ,
तारों को क्यों होती है उससे जलन ,
आसमां पर बिखरता नूर उसका मैं देख आया ,
उठा जो घूँघट बादलों का ,
की आज मैं घूँघट में चाँद देख आया ,
बातें सुन मैं हैरान थी ,
ये कैसा कमाल कर आया ,
चाँद हमसे इतना दूर है ,
फिर कैसे ये घूंघट में चाँद देख आया ,
अचंभित देख मुझे वो मुस्कुरा कर बोले ,
देख मत ऐसे मुझे,
मै उस चाँद की नहीं अपने चाँद की बात करता हूँ ,
अक्सर रहा करता था घूँघट में वो सोना,
आज इत्तिफाकन उठाया उसने घूँघट,
और मै धरा पर घूँघट में चाँद का दीदार कर आया | घूँघट में चाँद
घूंघट में चाँद एक रोज वो पास आकर बोले ,
मैं वो हसीन चेहरा देख आया ,
आज मैं आसमाँ का गुरुर तोड़ आया ,
बड़ी खूबसूरत है उसकी आँखे ,
देखते ही दिल मै अपना वही छोड़ आया ,
तारों को क्यों होती है उससे जलन ,
आसमां पर बिखरता नूर उसका मैं देख आया ,
उठा जो घूँघट बादलों का ,
की आज मैं घूँघट में चाँद देख आया ,
बातें सुन मैं हैरान थी ,
ये कैसा कमाल कर आया ,
चाँद हमसे इतना दूर है ,
फिर कैसे ये घूंघट में चाँद देख आया ,
अचंभित देख मुझे वो मुस्कुरा कर बोले ,
देख मत ऐसे मुझे,
मै उस चाँद की नहीं अपने चाँद की बात करता हूँ ,
अक्सर रहा करता था घूँघट में वो सोना,
आज इत्तिफाकन उठाया उसने घूँघट,
और मै धरा पर घूँघट में चाँद का दीदार कर आया | घूँघट में चाँद
sonamkuril1938

Sonam kuril

New Creator
streak icon1