मेरे यादों की गुल्लक.. मेरा मोल बताती है, कभी हँसती.. कभी रुलाती हैं.. इन बेजान छत और दिवारों को.. घर बना जाती है, मेरे यादों की गुल्लक.. मेरा मोल बताती है, अंखियों में आहट कर के.. नींद में सहलाते हुए.. सुकून का आंचल उड़ाती है, मेरे यादों की गुल्लक.. मेरा मोल बताती है, मौसम में इत्र घोलते हुए.. पल में दूरियां समेटते हुए.. जिस्म में सांसें फूँक जाती है, मेरे यादों की गुल्लक.. मेरा मोल बताती है। #यादों का गुल्लक #यादें#गुल्लक #nojoto #hindi #poetry