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मोहे रंग दे कलर लगा के बलमा, ---------------------

मोहे रंग दे कलर लगा के बलमा,
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फागुन का महीना चालै प्रिय ,होली का सुरूर है मन पर,
दिल चाहे अंबर तक रंग दूँ ,विवश हूँ, पंख नही हैं तन,पर।।
जब से सुना कि होली आई ,दिल दिमाग पर जम कर छाई।
कहने को त्यौहार सब अच्छे, रंग- रंगोली सब को भाई ।।
गिले मिटाकर गले मिलें सब,यही सार प्रिय होली का ।
ठोल नगाड़े, रसिया फुल मस्ती,ऊधम- हँसी- ठिठोली का ।।
तू मोहे रंग दे, मैं  तोहे रंग दूँ ,रंग नगर मे खो जाएँ ।
झूमें- नाचें -गाएं और खाएं , थक कर चैन सो जाएँ ।।
हैप्पी होली (पुष्पेन्द्र पंकज)

©Pushpendra Pankaj
  #Colors मोहे रंग दे कलर लगा के बलमा

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